Tuesday, June 24, 2014

इश्क मेरा

मेरी जान- ,जब हम तुम्हे दुश्मन नजर आने लगे 
तो समझ लेना हमने अपना इश्क शिद्दत से निभाया है.


Wednesday, July 10, 2013

तेरी दर्द को अगर....


तेरी दर्द को अगर मै महसूस कर सकता हूं ,
तो तेरी बेवफ़ाई पर भी जश्न मना सकता हूं .............


जिद थी तुम्हे पाने की वरना जिन्दगी में-
और भी रंग है जश्न मानाने को...


अब रहने दे मुझे मेरे हाल पे तू छेड़ ना मेरे
दिले-जायज़ को,फिर दर्द हीं होगा फिर तुझे नुख्स हीं मिलेगा ...


 

तेरे लिए बस तेरे लिए....

कभी दर्द से गुजरा था, वो अब सोचता हूं..
अजीब हिम्मत है तुझमे- सीखता हूं, सलाम करता हूं.



वो शब्द कहाँ जो लिख दू तेरी दस्ताने दरियादिली में दो टूक--
हम तो बस तेरे हौंसले को सलाम करते ,सलाम करते हैं.
                                                


तेरे इस कदर जाने से कुछ तो हुआ है....
अजीब है तू कल भी दूर थी ,पर आज की दूरी से गम हुआ है.


        

     

Tuesday, March 12, 2013

हांसिल करना मेरे जिद में नहीं

हांसिल करना मेरे जिद में नहीं ,वरना क्या मजाल थी तेरी ;
जो मुझसे बिना शिकवे -गिले किये दूर हो जाती ... 
                 

Friday, September 7, 2012

आपका और मेरा

 सूरज हूँ ज़िन्दगी की रमक़ छोड़ जाऊँगा
मैं डूब भी गया तो शफ़क़ छोड़ जाऊँगा....

डूब जाना तो फितरत है अपनी
सुबह ना आया तो बागी समझाना ...